टिशु पेपर मेकिंग बिजनेस प्रॉफिट प्रोजेक्ट रिपोर्ट | Tissue paper making business project report India

टिशु पेपर बिजनेस प्रॉफिट मार्जिन दिन पर दिन बढ़ते जा रहा है क्योंकि टिशू पेपर की डिमांड भारत में भी लगातार बढ़ती चली जा रही है। अब लोग ज्यादातर वेस्टर्न कल्चर फॉलो कर रहे हैं इसलिए पब्लिक प्लेसिस में हाथ धोने की बजाय वे टिशू पेपर से हाथ साफ करना पसंद करते हैं जिसे देखते हुए तमाम रेस्टोरेंट्स और होटल्स ने टिशू पेपर की अधिकता और इस्तेमाल अपने व्यापार में बढ़ा दिए हैं और आप देख सकते हैं कि हर टेबल पर टिशू पेपर पहले से ही रखा होता है। यहां तक कि छोटे मोटे ढाबों और छोटे दुकानदारों ने भी टिशू पेपर रखने का चलन शुरू कर दिया है जिससे टिशू पेपर की डिमांड बढ़ती नजर आ रही है और यह किसी भी तरह से घटती हुई नहीं दिखती। आज हम आपको इस पोस्ट में टिशु पेपर मेकिंग बिजनेस कैसे शुरू किया जाए  के बारे में बताएंगे और आपको यह भी बताएंगे कि कैसे आप टिशू पेपर बिजनेस प्लान बना सकते हैं तथा टिशु पेपर बनाने का तरीका भी आपको बताएंगे। इसके अलावा हम आपके लिए लेकर आए हैं टिशु पेपर बिजनेस प्रोजेक्ट रिपोर्ट जिसमें आपको टिशु पेपर बिजनेस में होने वाले फायदे और लागत की कंप्लीट जानकारी मिल जाएगी जिससे आपके मन के कई सवाल सुलझ जाएंगे।चलिए ज्यादा विलंब किए बगैर शुरू करते हैं टिशू पेपर बनाने का व्यापार के बारे में जानकारी

Table of Contents

भारत में कौन से टिशू पेपर बनाए जा सकते हैं

कुछ ऐसे टिशू पेपर जो भारत में बनाए जाते हैं और जिनकी डिमांड भारत में अधिक है वे निम्नलिखित हैं जिनकी जानकारी नीचे दी गई है 
हैंड टिशू पेपर, पेपर नैपकिन, टॉयलेट रोल,  किचन रोल, पेपर टॉवल, रैपिंग टिशु पेपर, फेशियल टिशु, hrt टिशु रोल, जे आर टी टिशु रोल, jrt टॉयलेट रोल, जे आर टी बाथ टिशू, टिशू पेपर प्रिंटेड टॉवल, प्रिंटेड टिशू पेपर

टिशू पेपर का साइज सेंटीमीटर में (tissue paper size in cm)

20 cm से लेकर 50 cm स्टैंडर्ड टिशु पेपर साइज होता है जो तकरीबन हर शॉप पर मिलता  है।

टिशु पेपर बिजनेस के फायदे

टिशू पेपर बिजनेस  शुरू करने के अनेक फायदे हैं जिनमें से कुछ फायदे नीचे दिए गए हैं :
टिशु पेपर बिजनेस का सबसे महत्वपूर्ण बड़ा फायदा यह है कि इसमें किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता।
टिशु पेपर आसानी से खराब नहीं होते हैं यदि आप उन्हें संभाल के रखे तो तुरंत बिक्री ना होने पर भी एक लंबे समय के बाद आप उन्हें भेज सकते हैं।
टिशु पेपर बिजनेस आपको अपनी रणनीति और स्ट्रेटजी बनाने का समय देता है।
 इसमें अधिक श्रम की आवश्यकता नहीं पड़ती अतः आप का लेबर कॉस्ट बचता है हालाकी टिशू पेपर मशीन काफी महंगी होती है।
इसमें  टिशू पेपर कीऑटोमेटिक और सेमी ऑटोमेटिक मशीन  आती है जिससे आप मात्र एक से दो स्किल्ड लेबर रखकर  कम समय में अधिक उत्पादन कर सकते हैं।
टिशु पेपर बिजनेस प्लान बनाने के लिए आपको ज्यादा छानबीन नहीं करनी पड़ती क्योंकि यह पूरे मार्केट में ज्यादातर दुकानदार खरीदते हैं।
टिशू पेपर बनाने का व्यापार आप 500 – 600 स्क्वायर फीट के एक छोटे से कमरे से भी शुरू कर सकते हैं।
टिशु पेपर बनाने का व्यापार आप अपने घर के किसी कमरे से भी शुरू कर सकते हैं  और बाद में  जैसे-जैसे आपका बिजनेस बढ़ने लगे आप इसके लिए मार्केटप्लेस पर एक अलग सी दुकान ले सकते हैं ताकि आप टिशू पेपर कमर्शियल लाइसेंस ले सके।
टिशु पेपर बिजनेस में आपको 15 से 20 पर्सेंट प्रॉफिट होता है। 

टिशू पेपर मशीन कहां से खरीदें

टिशु पेपर मशीन ऑनलाइन – आप टिशू पेपर मशीन ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए भी खरीद सकते हैं। यह मशीन आपको आसानी से इंडियामार्ट,अमेज़न, फ्लिपकार्ट स्नैपडील जैसी बड़ी कंपनियों में मिल जाती है।
बाय टिशु पेपर मेकिंग मशीन –  यदि आप ऑनलाइन टिशू पेपर मशीन नहीं खरीदना चाहते हैं तो इसे आप ऑफलाइन जाकर अपने लोकल मार्केट में टिशू पेपर मशीन मैन्युफैक्चरिंग की दुकान से खरीद सकते हैं।  
यदि आप सही दुकान ढूंढने में असमर्थ हैं तो हम आपको एक से दो दुकानों के एड्रेस नीचे दे रहे हैं जिसे आप जांच के बाद मशीन खरीद सकते हैं।
Delta Paper Machines, Faridabad
23/3 कृष्णा नगर, सेहतपुर एक्सटेंशन, समयपुर, फरीदाबाद
वेबसाइट – www.deltapapermachines.com  
Contact number – 9810639408
डेल्टा कंपनी आपको मशीन फ्री में इंस्टॉल करके देती है तथा 5 दिनों के लिए अपना एक व्यक्ति आपको ट्रेनिंग के लिए देती है
2 दिन मशीन इंस्टॉलेशन में लगते हैं और 3 दिन या व्यक्ति आपको ट्रेनिंग देता है
वेयर एंड टियर पार्ट्स गारंटी में नहीं आते हैं अतः डेल्टा कंपनी कुछ एक्स्ट्रा वेयर एंड टियर पार्ट्स आपको देती है 

डेल्टा कंपनी आपको एक स्किल्ड मशीन ऑपरेटर भी देती है हालांकि मर्जी आपकी होती है क्या आप उसे रखे या ना रखे। यह कंपनी इस ऑपरेटर की आपके साथ सैलरी तय कर देती है जो आपके अनुसार होती है। एक स्किल्ड ऑपरेटर के अलावा आपको दो हेल्पर की आवश्यकता पड़ती है। 

टिशू पेपर मशीन मेंटेनेंस
हफ्ते में एक बार आपको इसकी ग्रेसिंग और ऑयलिंग करनी होती है

टिशू पेपर मशीन के प्रकार

टिशु पेपर मैन्युफैक्चरिंग मशीन के प्रकार नीचे दिए गए हैं हाई स्पीड फुली ऑटोमेटिक पेपर नैपकिन मशीन – सिंगल साइज इसकी प्रोडक्शन कैपेसिटी काफी हाई है और 450 पेपर शीट्स पर मिनट इस मशीन के द्वारा बनाए जा सकते हैं हाई स्पीड फुली ऑटोमेटिक टॉयलेट पेपर मशीन इसकी केपेसिटी है 600 logs 8 घंटे में सेमी ऑटोमेटिक टॉयलेट पेपर मशीन जेआरटी, एचआरटी रोल, किचन टॉवल पेपर बनाने में भी सक्षम है ऑटो स्टार्ट स्टॉपहाई स्पीड फुली ऑटोमेटिक पेपर नैपकिन मशीन (सिंगल साइज, डबल डेक) नॉर्मल टिशू पेपर मशीन से डबल कैपेसिटी वाली मशीन होती है। यह मशीन आपको  तब लेनी चाहिए जब आपका काम सही तरीके से जम जाए क्योंकि इसकी प्रोडक्शन कैपेसिटी काफी ज्यादा हाई होती है और इसका रेट भी बाकी मशीनों से ज्यादा है।ऑटोमेटिक 1/6 डिस्पेंसर फोल्ड पेपर नैपकिन मशीनइसे क्यूब नैपकिन मशीन, क्यूब नैपकिन डिस्पेंसर, क्यूब फोल्ड मशीन भी कहते हैं। यह मशीन भारत में कम ही लोग इस्तेमाल कर रहे हैं इस मशीन के द्वारा जो पेपर तैयार किए जाते हैं वह डिस्पेंसर में रखे होते हैं और पुल करने पर एक बार में एक टिशू पेपर बाहर आता है ऑटोमेटिक पेपर नैपकिन मशीन मल्टी साइजभारत में शुरुआत में इस मशीन को लांच किया गया था पर इसकी कार्य क्षमता काफी कम है और आजकल यह चलन में भी नहीं है, कुछ ही लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।हालांकि इस मशीन में साइज सभी प्रकार के बन जाते हैं पर इसकी की फिनिश क्वालिटी इतनी अच्छी नहीं है। ऑटोमेटिक एन फोल्ड पेपर टॉवल मशीनइस मशीन से आप वॉश बेसिन के साइड में पुल करने वाले टिशू पेपर बना सकते हैं V फोल्ड फेशियल टिशु पेपर मेकिंग मशीन इसे कार बॉक्स टिशू तथा V फोल्ड टिशू भी कहते हैं और यह गाड़ियों में इस्तेमाल की जाती है 

टिशू पेपर पैकिंग मशीन के प्रकार (types of tissue paper packing machine)

टॉयलेट रोल स्लाइसिंग मशीन – इसमें टॉयलेट रोल पैक किया जाता है
अल्युमिनियम फॉयल रिवाइंडिंग मशीन –  इस मशीन के द्वारा खाना पैक करने वाले पेपर को तैयार किया जाता है 
फेशियल टिशू पैकिंग मशीन – इसमें कार बॉक्स टिशू पैक किया जाता है
टिशू पेपर पैकिंग मशीन – टिशू पेपर पैक किया जाता है 
N फायल पैकिंग मशीन

टिशू पेपर नैपकिन साइज

नीचे दिए गए साइज सेंटीमीटर में है
20 x 20
22 x 22
24 x 24
30 x 30
33 x 33
40 x 40

मार्केट में सबसे ज्यादा 30 x 30 का साइज चलता है

जंबो रोल
 80 से 90 केजी का एक जवान होता है
 यह दो प्रकार का होता है हार्ड पेपर और सॉफ्ट पेपर

टिशू पेपर कहां बेचे

होटल्सरेस्टोरेंट्स किराना शॉपकॉफी शॉप्सबारमॉल्सअस्पतालबी पी ओके पी ओ मल्टीनेशनल कंपनीहाउसकीपिंगकैटरर्स होलसेलररिटेलरपार्टीजइनके अलावा आप टिशू पेपर अपना खुद का ऑनलाइन स्टोर बना कर भी भेज सकते हैं आप अपनी वेबसाइट बना सकते हैं और वेबसाइट पर भी आपके शो पेपर का प्रचार कर सकते हैं। इसके अलावा फेसबुक मैं मार्केटप्लेस ऑप्शन के जरिए भी आप अपने प्रोडक्ट को बेच सकते हैं। अमेज़न फ्लिपकार्ट स्नैपडील ऐसी कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जहां पर आपको अपने प्रोडक्ट को रजिस्टर कर उन्हें सेल करने की सहूलियत मिलती है। मार्केटिंग एक सबसे महत्वपूर्ण रोल निभाती है अतः अपने प्रोडक्ट को ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी प्रजेंट और सेल करने की कोशिश करें।पेपर नैपकिन – रोल, पुल के हिसाब से बिकता है टॉयलेट पेपर –  पुल के हिसाब से बिकता हैकिचन  टॉवल – पुल के हिसाब से बिकता हैकार – पुल के हिसाब से बिकता हैएंनफोल्ड – पुल के हिसाब से बिकता हैयहां पुल का मतलब है नंबर ऑफ नैपकिंस 

टिशु पेपर मेकिंग प्रोजेक्ट रिपोर्ट

टिशु पेपर बनाने वाली मशीन की कीमत ₹500000
एक स्किल्ड लेबर की सैलरी –  ₹15000
दो अनस्किल्ड लेबर यह हेल्पर्स की सैलरी – ₹15000
500 स्क्वायर फीट जगह का किराया – ₹3000 पर मंथ 
किराया निर्भर करेगा कि जगह मार्केट के कितने नजदीक है कितनी दूर है
कच्चे माल की कीमत – Rs 50,000 – 1 लाख या अधिक जरूरत के हिसाब से 

1 साल में लागत कितनी लगेगी
एक स्किल्ड लेबर की सैलरी 15000 और दो अनस्किल्ड लेबर की सैलरी 15000 है तो 15000 + 15000 = ₹30000
अब इन ₹30000 को 12 से मल्टिप्लाई कर दे ताकि पूरे साल की लेबर की सैलेरी का आंकड़ा निकाला जा सके
सैलरी 1 साल की 
30,000 x 12 = रुपए 360,000  
जगह का किराया = ₹3000 x 12 = Rs 36,000

कुल लागत =  लेबर सैलेरी +  जगह का किराया +  मशीन की कीमत +  कच्चे माल की कीमत
कुल लागत = 360000 + 36000 + 5 lakh + 50,000
कुल लागत = ₹946000 

टिशू पेपर बिजनेस का प्रॉफिट 
एक पेपर नैपकिन पैकेट की कुल लागत होती है लगभग ₹11
मार्केट में यह पैकेट बिकता है 13 से ₹14 के बीच में
इस तरह से एक नैपकिन पैकेट पर आपका मुनाफा 1.5 से ₹2 होता है

एक अच्छी टिशू पेपर मशीन लगभग ढाई लाख नैपकिन तैयार कर लेती है 8 घंटे में
यदि 100 टिशू पेपर नैपकिन का एक पैकेट बनाया जाए तो कुल ढाई हजार पैकेट 1 दिन में तैयार हो जाते हैं। 
यदि एक पैकेट में एक रुपए का प्रॉफिट होता है 
1 दिन में ढाई हजार पैकेट तैयार होते हैं तो
2500  पैकेट x  एक रुपए =  ₹2500
प्रॉफिट 1 महीने का =  ₹2500 x 30 दिन
टोटल प्रॉफिट = ₹75000 महीना

नेट प्रॉफिट =  प्रॉफिट माइनस – कॉस्ट
नेट प्रॉफिट =  ₹75000 – ₹40000
नेट प्रॉफिट = ₹35000 महीना

तो इस तरह से 1 साल में कुल ₹946000 की लागत लगेगी, ट्रैक्टर मशीन को चलाने के लिए मिनिमम इलेक्ट्रिसिटी कंजप्शन 3.5 किलो वाट होती है जिसकी कीमत भी ऊपर जोड़ी गई है। यह आंकड़ा कम या ज्यादा हो सकता है और लेबर भी आप अपनी जरूरत के हिसाब से घटा या बढ़ा सकते हैं। यह प्रोजेक्ट रिपोर्ट आपको इस बात का अंदाजा दिलाने के लिए है कि तकरीबन कितना खर्चा आपको टिशु पेपर बिजनेस शुरू करने के लिए करना पड़ सकता है।  बिजनेस शुरू करने के लिए केवल मशीन ही नहीं बल्कि अन्य खर्चे भी जोड़ने पड़ते हैं जो कि हमने ऊपर आपको जोड़ कर दिखाए हैं

जहां तक बात है मुनाफे की तो इस व्यापार में मुनाफा भी अच्छा होता है
पर उसके लिए जरूरत है कि आप मार्केटिंग पर ज्यादा ध्यान दें और टिशु पेपर प्लांट लगाने से पहले ही  टिशु पेपर बिजनेस प्लान बना लें जिसके तहत मार्केटिंग के सारे पहलुओं पर सही तरीके से काम कंप्लीट कर ले और उसके बाद ही टिशु पेपर बिजनेस शुरू करें। 
नोट – ऊपर दिया गया मुनाफा बिल्कुल मुमकिन है पर यह तभी मुमकिन होगा जब आप टिशु पेपर बेचने की व्यवस्था  पहले ही सही तरीके से कर ले। क्योंकि मशीन तो लाखों टिशू पेपर तैयार कर देगी पर जरूरी है कि आप उन्हें बेच भी पाए। इसलिए हमारी आपको सलाह है की इस व्यापार या किसी भी व्यापार को शुरू करने से पहले मार्केटिंग स्ट्रेटजी जरूर तैयार कर लें। 

व्यापार शुरू करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता
उद्योग आधार एमएसएमई पंजीकरण
निर्यात के लिए आईईसी संख्या 
फैक्ट्री स्थापना के लिए लाइसेंस
व्यापार का पंजीकरण
ट्रेड लाइसेंस
पॉल्यूशन बोर्ड की तरफ से एनओसी सर्टिफिकेट

Tissue paper making business FAQ

टॉयलेट रोल मशीन कितने प्रकार की होती है?

आमतौर पर टॉयलेट रोल मशीन 8 रोल से लेकर 18 रोल  निर्माण करने वाली मशीन होती है। हालांकि इससे छोटी और इससे बड़ी मशीन भी मिल जाती है पर उसके लिए आपको विशेष आर्डर देना पड़ता है यह मशीनें कस्टमाइजेबल होती हैं।

टॉयलेट रोल मशीन में कौन-कौन से प्रकार के टिशू पेपर बन जाते हैं?

टॉयलेट रोल मशीन में टॉयलेट रोल, नैपकिंस, किचन टाइल्स, जेआरटी टिशु पेपर,  जेआरटी ट्रैवल्स, hrt टिशू रोल्स

क्या टिशू पेपर मशीन पर सब्सिडी मिलती है?

हां टिशू पेपर मशीन पर सब्सिडी मिलती है पर इसके लिए आपको अपने राज्य के पेपर डिपार्टमेंट से संपर्क करना होगा और उनसे सब्सिडी के बारे में जानना होगा।

क्या टिशू पेपर मशीन फाइनेंस पर ली जा सकती है?

हां टिशू पेपर मशीन फाइनेंस पर ली जा सकती है डेल्टा कंपनी आपको यहां सुविधा उपलब्ध कराती है। अधिक जानकारी के लिए डेल्टा कंपनी से आप संपर्क कर सकते हैं  इस कंपनी की जानकारी ऊपर के भाग में दी गई है

टिशू पेपर मेकिंग ट्रेनिंग कहां से लें?

टिशू पेपर बनाने की ट्रेनिंग आपको हर उस जगह से मिल जाती है जहां से आप टिशू पेपर मशीन खरीदते हैं। डेल्टा कंपनी के अनुसार उनसे मशीन खरीदने पर आपको एक हफ्ते की टिशू पेपर ट्रेनिंग मुफ्त में देते हैं।

टिशु पेपर बिज़नस प्रॉफिट मार्जिन कितना होता है?

टिशू पेपर मेकिंग बिजनेस में प्रॉफिट मार्जिन तकरीबन 15 से 20 पर्सेंट होता है।

टिशु पेपर मेकिंग मशीन की कीमत कितनी होती है?

टिशू पेपर मेकिंग मशीन प्राइस –  टिशू पेपर बनाने वाली मशीन की कीमत कम से कम ₹500000 होती है और यह कीमत मशीन की क्षमता और ऑटोमेटिक सुविधा के हिसाब से बढ़ती चली जाती है।

एक टिशू पेपर मशीन 1 दिन में कितने टिशु पेपर तैयार करती है?

एक अच्छी टिशू पेपर मशीन 8 घंटे में लगभग ढाई लाख टिशू पेपर तैयार कर सकती है।

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