आज का टॉपिक – पेन बनाने का व्यापर कैसे शुरू करें, रॉ मटेरियल, मशीन, कीमत, लागत आदि
बॉल पेन का व्यापर कैसे शुरू करें – आज की तारिख में पेन का इस्तेमाल हर जगह होता है। पेन एक ऐसी कॉमन वस्तु है जिसका इस्तेमाल ना केवल स्कूल में होता है बल्कि घर से लेकर दफ्तर और मार्किट में भी होता है फिर चाहे वह मेडिकल शॉप हो किराना की दुकान हो बैंक हो या अन्य कोई जगह। पेन की आवश्यकता सबको पड़ती ही है, यहाँ हम आपका ध्यान एक विशेष बात की ओर खींचना चाहेंगे चाहे तो आप अपनी तरफ से पूरी जांच पड़ताल भी कर सकते है। दरअसल बात यह है की पिछले 15-25 वर्षों में लगभग हर चीज़ के दाम डबल, ट्रिपल या उससे भी अधिक हो चुके हैं जैसे मार्किट में आज से 15-20 वर्ष पहले चाय का एक गिलास मात्र 2 रूपए में आता था और आज 10 रूपए है ऐसे ही ज़मीन से लेकर तकरीबन हर वस्तु के दाम बढे हैं किन्तु रेनॉल्ड्स पेन के दाम आज से 20 वर्ष पहले भी 4-5 रूपए होते थे जिसे हम स्कूल डेज में बड़े चाव और सम्मान से खरीदते थे और आज भी इसकी कीमत मात्र 7-8 रूपए ही है। इसका यह मतलब है की पेन का व्यापर सदाबहार व्यापार है क्योंकि कीमत में विशेष वृद्धि ना होने के बावजूद भी इसकी सेल इतनी ज़बरदस्त है की आपको इसकी कीमत बढ़ने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती।
बॉल पेन बनाने का बिज़नेस – बहरहाल, इन दिनों यूज़ एंड थ्रो बॉल पेन का मार्किट ज़ोरों पर है। आजकल पहले की तरह एक ही बॉल पेन की रिफिल को फूक मारकर उसमे हलकी सी पानी की बूँद डालकर दोनों हाथों के बीच रब कर के चलाने का रिवाज़ नहीं रह गया है। बल्कि इसके विपरीत बच्चों से लेकर बड़ों सबके पास एक से ज़्यादा पेन होते हैं तथा पेन ख़राब या रुक जाने पर इतनी मेहनत करना कोई नहीं पसंद करता है अतः आज की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में यह पेन का बिज़नेस एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
बॉल पेन बनाने का रॉ मटेरियल (Raw material for ball pen)
आप बाल पेन का बिज़नेस छोटे पैमाने से अपने घर से ही शुरू कर सकते हैं इसके लिए निम्न सामग्रियों की आवश्यकता होती है
- स्याही – पेन के लिए सबसे महत्वपूर्ण सामग्री होती है, इसकी कीमत 120 से 400 प्रति लीटर होती है
- ढक्कन – इसका इस्तेमाल पेन को ढकने हेतु किया जाता है और इसकी कीमत पचीस रूपए प्रति सौ पीस है
- बैरल – यह पेन का वह हिस्सा होता है जिसमे स्याही भरी जाती है इसकी कीमत तकरीबन एक सौ चालीस रूपए प्रति ढाई सौ पीस होती है
- अडाप्टर – यह बैरल और टिप के मध्य का हिस्सा होता है इसकी कीमत तकरीबन साढ़े चार रूपए प्रति 144 पीस है
- टिप – पेन का वह हिस्सा जहाँ से स्याही बहार आती है इसकी कीमत तकरीबन अठाइस रूपए से पैतीस रूपए प्रति 144 पीस है
पेन बनाने की मशीन
पेन बनाने वाली मशीन – पेन बनाने के लिए कम से कम पांच मशीनों की आवश्यकता होती है और साथ ही इन मशीनों के लिए कम से कम 200 वर्ग फ़ीट की जगह चाहिए होती है।
इंक फिलिंग मशीन – इस मशीन की सहायता से बैरल में स्याही भरी जाती है। पंचिंग मशीन – वह मशीन जिसकी सहायता से बैरल में अडैप्टर सेट किया जाता है। टिप फिक्सिंग मशीन – टिप लिखने में सहायक होता है और इस मशीन के द्वारा पेन के एडेप्टर में टिप लगाया जाता है। सेंट्रिफ्यूगिंग मशीन – पेन में स्याही भरते समय बची हुई अतिरिक्त हवा को पेन से निकालने के लिए इस मशीन का प्रयोग होता है।
पेन बिज़नेस लागत (Pen making business project report)
पेन बनाए वाले व्यपार का कुल खर्च – यह एक ऐसा व्यापार है जो शुरू में कुछ कम खर्च में स्टार्ट किया जा सकता है। यदि आप इसे छोटे लेवल पर शुरू करते हैं तो इसकी मशीन 25000 रूपए तक मिल सकती है और इसके आलावा अन्य ऊपर दी गई सामग्रियों की कीमत जोड़ी जाए तो लगभग 40-45 हज़ार रूपए तक कुल खर्चा पहुँच जाता है। इन 40 से 45 हज़ार के खर्चे में केवल मशीन का ही खर्च 25 हज़ार होता है। और यदि आप व्यपार बड़े लेवल पर शुरू करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको आटोमेटिक मशीन की ज़रूरत पड़ती है जिसकी कीमत लगभग 4 लाख रूपए होती है और कुल लागत 5 से 6 लाख तक जा सकती है।
बॉल पेन बनाने का तरीका (ball pen making process)
बॉल पेन बनाने की विधि – बॉल पेन बनाने का व्यापर शुरू करने के लिए आपको बाल पेन मेकिंग प्रोसेस की जानकारी होनी चाहिए जो की निचे क्रम वध तरीके से दी गई है:
- सर्वप्रथम बैरल को पंचिंग मशीन में लगाएं
- बॉल पेन बनाने वाली मशीन में पहले से ही अडैप्टर लगे होते हैं अब बैरल में अडैप्टर सेट करना होता है
- बैरल अडैप्टर को ठीक से देखते हुए सही जगह लगा कर पंच करते ही बैरल में एडेप्टर सेट हो जाता है
- अडैप्टर सेटिंग प्रोसेस के बाद बैरल में स्याही भरने का नंबर आता है , अब स्याही भरने के लिए इंक फिलिंग मशीन का उपयोग होता है
- ध्यान रहे बैरल के साइज के अनुसार स्याही भरी जानी चाहिए अधिक स्याही बहार आ सकती है और पेन की क्वालिटी ख़राब कर सकती है
- अब बैरल के ऊपरी छेद को हाथ से ढक लें तथा उसे टिप फिक्सिंग मशीन में लगाएं
- टिप फिक्सिंग मशीन की मदद से स्याही से भर बैरल में टिप लगाया जाता है और यही बैरल पेन में बदल जाता है
- अब सैंट्रीफ्यूगिंग मशीन का इस्तेमाल होता है इस प्रक्रिया में पेन को इस मशीन के भीतर डाला जाता है तथा पेन के अंदर घुसी अतिरिक्त हवा को बाहर निकाला जाता है
- इस प्रक्रिया के बाद आपका पेन लिखने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो जाता है और मार्किट में लांच होने के लिए रेडी हो जाता है
पेन की पैकजिंग प्रक्रिया (Pen packaging process)
पेन की पैकजिंग कैसे की जाती है – पेन पैकिंग करते वक्त अच्छे कलरफुल पैकेट्स का प्रयोग करें। रंगीन पैकेट्स बच्चों को अधिक लुभाते हैं। आप पांच या दस पीस के पैकेट्स बना कर बेच सकते हैं तथा इन्हे खुल्ला भी बेचा जा सकता है। ग्राहकों को लुभाने के लिए आप 5 पेन के सेट में एक अतिरिक्त पेन या रबर प्लस पेन्सिल का एक सेट ऑफर कर सकते हैं।
पेन बनाने के व्यापर का रेजिस्ट्रेशन (Pen business registration)
पेन बनाने के व्यापर का रेजिस्ट्रेशन कैसे करें – सर्वप्रथम अपनी पेन बनाने वाली कंपनी का एक नाम रख लें फिर इसी नाम पर करंट बैंक अकॉउंट तथा पैन कार्ड खुलवा लें। ध्यान रहे यह पैन कार्ड आपके पर्सनल पैन कार्ड से अलग होता है यह कंपनी का पैन कार्ड कहलाएगा इससे आपकी ब्रांड वैल्यू भी बढ़ेगी। अपने ब्रांड का पंजीकरण कराना काफी महत्वपूर्ण है, फिर भले ही आप इसे आगे चलकर बड़े लेवल पर प्रमोट करना चाहते हों या छोटे लेवल पर ही सक्रीय रहे दोनों ही सूरतों में पंजीकरण ज़रूर करवाएं। आप अपनी कम्पनी का रजिस्ट्रेशन PVT.LTD , LLP या OPC के अंतर्गत करवा सकते हैं। इसके आलावा आपको अपने लोकल अथॉरिटी ऑफिस जाकर ट्रेड लाइसेंस लेना पड़ता है।