आज हम आपको बताएंगे सरकारी राशन की दुकान कैसे मिलती है और रोशन की दुकान खोलने के लिए कितने पैसे लगते हैं। राशन की दुकान के नियम के बारे में भी हम आपको बताएंगे जिससे आपको राशन की दुकान की जानकारी सही तरीके से मिल जाएगी और आपको यह दुकान खोलने में आसानी होगी।
राशन की दुकान खोलने के फायदे
भारत में राशन की दुकान ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों में कहीं पर भी खोली जा सकती है। सबसे बड़ी बात यह है कि भारत की जनसंख्या इतनी ज्यादा है की राशन कई बार कम पड़ जाता है और बहुत सारी फसलें हम विदेशों से आयात करते हैं। इसलिए अगर आप राशन की दुकान में अच्छी क्वालिटी का राशन रखते हैं तो वह निश्चित रूप से बिक जाएगा। और सबसे पहली समस्या, सामान बेचने की पूर्ण रूप से समाप्त हो जाती है। राशन की दुकान खोलने का दूसरा बड़ा फायदा यह होता है कि इसमें आपको ज्यादा निवेश नहीं करना पड़ता है निवेश की जानकारी नीचे पोस्ट मे दी गई है।
राशन की दुकान के बारे में जानकारी
राशन की दुकान सरकार की ओर से आवश्यक वस्तु अधिनियम धारा 3 के अंतर्गत आती है। और साथ ही सरकार द्वारा दुकानदार को आवश्यक वस्तुओं को उचित मूल्यों पर वितरण करवाने के लिए लाइसेंस दिया जाता है। इन सरकारी राशन की दुकानों में मुख्य तौर पर गेहूं, चावल, दाल, चीनी आदि मिलते हैं जो काफी सस्ते दाम पर लोगों को उपलब्ध कराए जाते हैं यह मार्केट प्राइस से काफी सस्ते होते हैं। राशन की दुकान का लाइसेंस सार्वजनिक वितरण प्रणाली के रूप में दिया जाता है। सरकारी राशन की दुकान से कार्ड धारक अपना राशन कार्ड दिखा कर और उसमें एंट्री करवा कर सस्ते रेट पर राशन लेते हैं।
राशन की दुकान कौन-कौन खोल सकता है (ration shop eligibility criteria)
राशन की दुकान खोलने की पात्रता नीचे दी गई है
भारत का नागरिक – राशन की दुकान खोलने वाला व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए। वह जिस क्षेत्र में रहता है उसके पास उस क्षेत्र का आधार कार्ड होना चाहिए ताकि वह अपनी नागरिकता साबित कर सके और अपनी राशन की दुकान खोल सकता है।
कानूनी दोषी – ऐसे व्यक्ति जिस का क्रिमिनल रिकॉर्ड हो और वह व्यक्ति जो हाफ मर्डर या अन्य क्रिमिनल गतिविधियों में जेल गया हो ऐसे व्यक्ति को राशन की दुकान का लाइसेंस मिलना लगभग नामुमकिन होता है।
बैंक में ₹50000 होने अनिवार्य – आवेदन करने वाले व्यक्ति के बैंक में कम से कम ₹50000 की राशि का होना अनिवार्य है इससे यह पता चलता है कि वह व्यक्ति आर्थिक रूप से सक्षम है और कल को कोई नुकसान होने पर वह दुकान में भरपाई कर सकता है।
शिक्षण योग्यता – पहले राशन की दुकान खोलने के लिए केवल दसवीं पास होना काफी था पर अब इसे बढ़ाकर ग्रेजुएशन कर दिया गया है। अभी यह योग्यता सभी राज्यों में लागू नहीं हो पाई है और हो सकता है कुछ राज्यों में यह अभी भी दसवीं पास के बेस पर हो परंतु ज्यादातर राज्यों में शैक्षणिक योग्यता दसवीं से बढ़ाकर स्नातक कर दी गई है।
दोबारा लाइसेंस नहीं मिलता – ऐसे व्यक्ति जिन्होंने पहले कभी राशन की दुकान का लाइसेंस के लिए आवेदन किया हो और किसी कारणवश वह आवेदन रद्द हो गया हो तो ऐसे व्यक्ति दोबारा राशन की दुकान के लिए लाइसेंस प्राप्त नहीं कर सकते।
अन्य खाद्यान्न लाइसेंस – ऐसे व्यक्ति जिन्होंने अन्य खाद्य सामग्री जैसे तेल, चीनी, गेहूं आदि के लिए पहले ही लाइसेंस प्राप्त कर रखा हो वह भी राशन की दुकान के लिए लाइसेंस प्राप्त करने योग्य नहीं माने जाते हैं।
राशन की दुकान के लिए कितनी जगह चाहिए
राशन की दुकान के लिए आवेदन तभी कर सकते हैं जब आप के पास उपयुक्त स्थान हो जिसकी जानकारी नीचे दी गई है
राशन की दुकान की ऊंचाई और चौड़ाई 3 मीटर से लेकर 5 मीटर तक होनी आवश्यक है
राशन की दुकान के सामने 15 फीट की सड़क होनी आवश्यक है ताकि लोगों को राशन लेने में समस्या ना आए यह सरकारी मापदंड है।
राशन की दुकान के आसपास या बगल में गेहूं पिसाने वाले आटे की चक्की होने पर प्राथमिकता मिलती है।
क्योंकि इससे लोगों का काम आसान होता है और वह तुरंत गेहूं लेकर इस चक्की से से पिसवा सकते हैं।
जिस जगह पर आप दुकान ले रहे हैं वह कागज़ी तौर पर पूरी तरह से साफ होनी चाहिए और यदि आप उसे किराए पर ले रहे हैं तो उसका रेंट एग्रीमेंट भी होना चाहिए।
राशन की दुकान के लिए लाइसेंस कैसे मिलेगा
सरकारी राशन की दुकान कैसे खोलें – राशन की दुकान के लिए आवेदन करने से पहले आप को डॉक्यूमेंटेशन पूरे करने होंगे और इसके अलावा यदि आप शहरी क्षेत्र में रहते हैं तो आप आसानी से राशन के लिए आवेदन कर सकते हैं किंतु अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं तो यह प्रक्रिया अभी ऑफलाइन ही है। अतः राशन की दुकान का लाइसेंस आवेदन करने के लिए आपको ऑफलाइन प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा ग्रामीण क्षेत्रों में।
शहरी क्षेत्र के लोग राशन की दुकान के लिए आवेदन कैसे करें
सरकार की ओर से राशन की दुकान खोलने के लिए अधिसूचना जारी की जाती है और एक ऐसा स्थान चुना जाता है जहां पर 4000 यूनिट एरिया हो। इस अधिसूचना की जानकारी आप स्थानीय अखबारों या संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से हासिल कर सकते हैं।
जब आवेदक संबंधित वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भर देता है तो उसका निरीक्षण सर्किल आपूर्ति निरीक्षक द्वारा किया जाता है
इसके बाद चयन समिति निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर आवेदकों का चुनाव करती है।
चयन समिति के अंतर्गत जिला मजिस्ट्रेट, आपूर्ति जिला अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, राजस्व विभाग का एक चयनित व्यक्ति शामिल होते हैं।
चयन समिति की जांच के बाद अगला पड़ाव डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिसर की जांच का आता है। चयन समिति जिस आवेदक का चयन करती है अब उसे आगे भेजा जाता है और डिस्टिक सप्लाई ऑफीसर उसकी योग्यता की जांच करता है तथा उसके व्यवहार की भी जांच करता है।
इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद अभी तक को फाइनल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है जिसमें फाइल दोबारा से जिला मजिस्ट्रेट के पास भेजी जाती है और यहां आवेदक के पास होने पर उसे सिक्योरिटी के तौर पर कुछ पैसे जमा करने पड़ते हैं।
आपको बता दें कि एक सरकारी राशन की दुकान का आवेदन करने के बाद और उसे प्राप्त करने के बाद जब राशन की दुकान शुरू होती है तो आवेदक करता अपने हिसाब से उस दुकान की वस्तुओं के मूल्य पर छेड़खानी नहीं कर सकता मूल्य सरकारी मापदंड के तहत तय होते हैं। जो राशन की दुकान चलाता है उसकी आमदनी सरकार द्वारा दिए गए पैसे से होती है और धीरे-धीरे यह पैसा भी बढ़ता है और कुछ समय बाद वह अच्छा खासा मुनाफा कमाने लगता है। सबसे अहम बात यह है इसमें ज्यादा निवेश की आवश्यकता नहीं पड़ती।
ग्रामीण क्षेत्र के लोग राशन की दुकान के लिए लाइसेंस का आवेदन कैसे करें
ग्रामीण क्षेत्र में राशन की दुकान खोलने के लिए एक बैठक आयोजित की जाती है।
इस बैठक की देखरेख का जिम्मा ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर को जाता है और उन्हीं के सामने दुकान खोलने के लिए लोगआवेदन कर सकते हैं। आवेदन करता की योग्यता और अन्य कागजों का सत्यापन किया जाता है।
आवेदन कर्ताओं को ब्लॉक अधिकारी से फॉर्म प्राप्त कर उसे भरकर जमा करना होता है। इसके अलावा उन्हें अपने बाकी कागज भी सत्यापन कर उस फॉर्म के साथ संलग्न करने होते हैं।
यदि किसी आवेदन कर्ता के पास उपयुक्त प्रमाण पत्र नहीं है तो उसे अपने ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर से संपर्क करना होता है और उन जरूरी प्रमाण पत्र और कागजों को तैयार करवाना होता है।
अब आवेदक के फॉर्म 2 प्रक्रिया से होते हुए गुजरते हैं पहले यह फॉर्म डेवलपमेंट ऑफिसर के पास जमा होते हैं और उसके बाद डिस्टिक सप्लाई ऑफीसर के पास भेजे जाते हैं।
अब आवेदन करता को फाइनल प्रक्रिया से गुजरना होता है जिसमें उनके द्वारा भरे गए फॉर्म डिस्टिक सप्लाई ऑफीसर से होते हुए जिला मजिस्ट्रेट ऑफिसर के पास जाते हैं और उनकी फिर से पूर्ण रुप से सही तरीके से जांच की जाती है।
सब कुछ सही पाए जाने पर आवेदन कर्ता को लाइसेंस प्राप्त हो जाता है। अब लाइसेंस प्राप्त करने से पहले उन्हें सिक्योरिटी के तौर पर राज्यों के हिसाब से पैसे जमा करने होते हैं ।
तो यह है ग्रामीण क्षेत्रों में राशन की दुकान के लाइसेंस के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया।